गर्भ धारण की सोचने से पहले छोड़ दें सिगरेट की लत

गर्भ धारण की सोचने से पहले छोड़ दें सिगरेट की लत

सेहतराग टीम

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान की लत सेहत को खराब करती है। अध्‍ययन ये बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान बंद कर देने से बच्‍चे के समय पूर्व जन्‍म का खतरा कम हो जाता है। जेएएमए नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित निष्‍कर्षों से पता चला है कि गर्भावस्‍था की शुरुआत में ही धूम्रपान बंद करने के बाद समयपूर्व जन्म की आशंका कम हो गई थी। गर्भावस्‍था की बिलकुल शुरुआती अवस्‍था में सिगरेट छोड़ने से ये खतरा 20 फीसदी तक कम हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर साल, विश्व भर में डेढ़ करोड़ बच्‍चे समय से पहले जन्म लेते हैं यानी हर 10 में से एक बच्‍चा प्री मैच्‍योर होता है। 184 देशों में समय पूर्व जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्‍या 5% से 18% तक होती है। भारत में, यह आंकड़ा हर साल पैदा होने वाले 2.7 करोड़ शिशुओं में से 35 लाख शिशुओं का है।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष, देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार ‘समय पूर्व जन्‍म का अर्थ होता है गर्भावस्‍था के 37 सप्‍ताह पूरे होने से पहले ही बच्‍चे का जन्‍म लेना। सामान्य गर्भावस्था लगभग 40 सप्ताह तक रहती है। यानी प्राकृतिक रूप से बच्‍चे का गर्भ में पूरा विकास 37 से 40 सप्‍ताह के बीच होता है। इस दौरान बच्‍चे के जन्‍म को सामान्‍य माना जाता है। ये माना जाता है कि 37 सप्‍ताह से पहले गर्भ में बच्‍चे का पूरा विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में किसी भी वजह से यही बच्‍चा प्री टर्म पैदा होता है तो उसे कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे बच्‍चों में अधिकांश जीवित तो रहते हैं मगर वे विभिन्न विकलांगता जैसे मस्तिष्क पक्षाघात, संवेदी अंगों में कमी, सीखने की अक्षमता और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित होते हैं। ये प‍रेशानियां अकसर बाद के जीवन तक फैलती है, जिससे व्यक्ति और परिवार को शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक तनाव होता है।’

अपरिपक्व बच्‍चों का आकार छोटा, वजन कम, सिर अपेक्षाकृत बड़ा, शरीर पर ज्‍यादा बाल होते हैं और शरीर का तापमान कम होता है। सांस लेने में तकलीफ या चूसने और निगलने जैसे कार्यों में सजगता की कमी बच्‍चे के समय पूर्व जन्‍म का संकेत है।

डॉक्‍टर अग्रवाल कहते हैं, ‘समय पूर्व जन्मों के लिए कोई खास कारण होता हो, ऐसा नहीं है। कई महिलाओं में कम उम्र में गर्भ धारण, जल्‍दी जल्‍दी गर्भ धारण, संक्रमण अथवा कोई गंभीर बीमारी जैसे कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप, तनाव, आनुवांशिक कारक और पोषण संबंधी विकार जिम्‍मेदार ठहराए जा सकते हैं। आधुनिक जीवनशैली समय पूर्व प्रसव का एक अहम कारक बन गई है। ऐसे में समय पूर्व जन्‍म के जोखिम कारकों की पहचान और उन्‍हें दूर करने से इस समस्‍या से बचा जा सकता है।’

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कुछ टिप्‍स

• प्रसवपूर्व देखभाल उपेक्षा न करें। डॉक्टर आपको इस बारे में सही सलाह देंगे कि कैसे सही खाएं, आदर्श वजन क्या है और बच्चे के लिए क्या हानिकारक हो सकता है।

• अपने जोखिमों को समझें। कुछ महिलाओं में जल्दी प्रसव होने का खतरा अधिक होता है। जिन महिलाओं में पहले की गर्भावस्‍था में समय पूर्व प्रसव की समस्‍या हुई है उनमें बाद में भी ज्‍यादा जोखिम रहता है। इसके अलावा धूम्रपान, शराब का सेवन आदि भी जोखिम को बढ़ाते हैं।

• अपना वजन देखें और इस बात को समझें कि गर्भावस्‍था में आपको अपने और बच्‍चे के सही सेहत के लिए किस हद तक वजन बढ़ाना सही है। गर्भावस्‍था में बहुत अधिक वजन बढ़ने से मधुमेह और प्रीक्लेम्पसिया जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। सही वजन के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और तदनुसार भोजन करें। अपने डॉक्टर से स्वस्थ व्यायाम योजना के बारे में पूछें।

• सही खाएं। पौष्टिक आहार का सेवन करें क्योंकि यह भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

 

 

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